गढ़बो नवा छत्तीसगढ़”को ठेंगा दिखा रहे ग्राम पंचायत बहामा के सरपंच सचिव
“सचिव सुरेंद्री राठिया की कार्यप्रणाली से परेशान है ग्रामवासी
लैलूंगा :- रायगढ़ जिले के विकास खण्ड लैलूंगा के ग्राम पंचायत बहामा के सरपंच सचिव की मनमानी इन दिनों चरम पर है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ग्रामीण अंचलों में लगातार विकास कार्यों की झड़ी लगाकर छत्तीसगढ़ मॉडल के साथ गड़बो नवा छत्तीसगढ़ का नारा दिया जा रहा है परंतु ग्राम पंचायत बहामा में ठीक इसके विपरीत मुख्यमंत्री के सपना को चकनाचूर कर गड़बो नवा छत्तीसगढ़ को ठेंगा दिखाकर सरपंच सचिव द्वारा मनमानी कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। शौचालय की बात करें तो सैकड़ों हितग्राहियों का शौचालय को बिना बनाये कई लाखों रूपये को आहरण कर गबन कर लिया गया हैं। शासन की महत्वकांक्षी योजना शौचालय योजना जिसका मुख्य उद्देश्य था, कि ग्रामीण अंचल के लोगों को खुले में शौच नही जाना पड़े जबकि खुले में शौच मुक्त बनाना था। “स्वच्छ भारत मिशन” की राशि को हिग्राहियों के घरों में शौचालय का निर्माण कराये बिना ही लाखों रूपये को सरपंच – सचिव के द्वारा निकाल कर दबा दिया गया है। शौचालय नहीं होने के कारण कारण ग्राम पंचायत बहामा के सैकड़ों ग्रामीण सरपंच – सचिव तथा जनपद पंचायत लैलूंगा के संबन्धित अधिकारियों की मिली भगत होने के कारण बहामा के सर्वाधिक ग्रामीणों को सड़क किनारे और तालाब के मेड़ पर खुले में शौच जाने को मजबूर हैं। ग्राम पंचायत बहामा के ग्रामीण मूलभूत योजना एवं चौदहवें तथा पन्द्रहवें वित्त योजना की राशि में भी भारी भ्रष्टाचार किया गया है। यहाँ के ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का सही ढंग से लाभ नहीं मिल पा रहा है।
आपको यह भी बता दें कि ग्राम पंचायत बहामा के ग्रामीण बुनियादी सुविधाओं के अभाव में नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। यकीन नहीं तो आप ग्राम पंचायत बहामा जाकर स्वयं खुली आँखों से देख सकते हैं। यहाँ के भोले – भाले आदिवासी ग्रामिणों के पेट में सरपंच – सचिव द्वारा डाका डाला जा रहा है।
पंचायत से अक्सर नदारत रहती हैं महिला सचिव… जन्म – मृत्यु पंजीयन कराने को लेकर भटक रहे ग्रामीण
सचिव निवास भवन को सचिव ने लैलूंगा के नाई को दे दी किराये पर…
पंचायत सचिव सुरेन्द्री राठिया की मनमानी इन दिनों चरम पर है। बहामा गाँव के ग्रामीणों को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं ग्राम पंचायत बहामा की पंचायत सचिव के गाँव में नही रहने से लोगों के आवश्यक कार्य नहीं हो पा रहे हैं। ग्राम पंचायत बहामा कि ग्राम पंचायत सचिव की लापरवाही के कारण गाँव में ग्रामीणों को जन्म – मृत्यु पंजीयन – प्रमाण पत्र के लिए भी भटकना पड़ता है। पूरे मामले को लेकर आपको बता दें कि महिला सचिव जशपुर जिले से आना जाना करती हैं। कई – कई महीनों में एक बार आती है। और किसी को पता भी नही चल पाता है। लाखों रुपए खर्च कर ग्राम पंचायत में सचिव निवास भवन शासन प्रशासन के द्वारा बनवाया गया है। लेकिन सचिव द्वारा सचिव आवास को भी अपनी निजी स्वार्थ के लिए भवन को ही किराये में दे दी गई है। जबकि रायगढ़ जिले के संवेदनशील कलेक्टर भीम सिंह के कहते हैं कि किसी भी कर्मचारी को मुख्यालय नहीं छोड़ने की बात कहीं जाती है, वहीं एक ओर उसके ठीक उलट चल रही है।
पानी की समस्या से परेसान गाँव वालों शासन से लगा रहे गुहार
गाँव में 50 से ज्यादा बोरिंग है । फिर भी ढोड़ी की गंदी पानी पीने को मजबूर है ।गाँव वाले 1 किलोमीटर से ढोड़ी से पानी निकाल कर पीने को मजबूर है। जब कि सरपंच और सचिव द्वारा पो लाखो रुपये बोरिंग मरमत हेतु पैसा निकाला गया है । शासन की पैसा को सरपंच और सचिव द्वारा निकाल कर मनमानी किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री कार्यक्रम के नाम से 46हजार का आहरण
2021-22 में मुख्यमंत्री कार्यक्रम के नाम से 46700 रुपये आहरण किया गया है । ग्राम पंचायत सचिव और सरपंच इतने भ्रष्टाचार में लीन हो गए कि छत्तीसगढ़ के संवेदनशील मुख्यमंत्री की आड़ में राशि आहरण कर रहे हैं।
गाँव वालों से लिया जा रहा है मकान टैक्स 200से 300 रूपया
गाँव वालों की माने तो सचिव द्वारा हर रासन कार्ड से 200 से 300 तक का मकान , पानी बिजली का टैक्स वसूल किया जा रहा है। अगर कोई परिवार टैक्स देने में असमर्थ है ।तो उस परिवार को पीडीएस से चावल रासन देने से सख्त मना कर दिया जाता है। गाँव वाले सचिव के मनमाने रवैया से परेशान हैं।
सचिव के आश्वासन के बाद कोठा निर्माण कराया गया जिसका पैसा अभी तक नहीं मिला है, पैसा ना मिलने की स्थिति में दुकानदार घर की गाड़ी ले गया। बहुत समस्या है ------ उर्मिला पटेल, बहमा
ग्राम पंचायत बहामा में पानी की समस्या को लेकर काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, लगभग 1 किलोमीटर दूर ढोड़ी से पानी लाना पड़ता है
—असरिता नाग, बहमा
सचिव सुरेंद्री राठिया द्वारा किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया जाता -संतोषी पटेल बहामा